

वरमाला का परिचय
वर्माला, जिसे जैमाला भी कहा जाता है, हिंदू विवाहों में एक पारंपरिक और प्रिय रस्म है, जो दूल्हा और दुल्हन के बीच पवित्र मिलन का प्रतीक होती है। यह परंपरा अत्यधिक महत्व रखती है और विवाह उत्सव की शुरुआत के रूप में मनाई जाती है, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे को फूलों की मालाएँ पहनाते हैं, जो उनकी स्वीकृति और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


विवाह में वरमाला का महत्व
वरमाला हिंदू विवाह का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो दूल्हा-दुल्हन के बीच प्रेम, स्वीकृति और सम्मान का प्रतीक है। यह न केवल उनके नए जीवन की शुरुआत दर्शाता है, बल्कि समानता, सौहार्द और मंगलता का भी संकेत देता है। वरमाला पहनाने की रस्म यह दर्शाती है कि दोनों एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार कर रहे हैं और साथ में एक नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं।

आधुनिक समय में वरमाला का महत्व
आज के दौर में वरमाला केवल एक पारंपरिक रस्म तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह शादी के उत्सव का एक आकर्षक हिस्सा बन गई है। आधुनिक शादियों में थीम-बेस्ड वरमाला सेरेमनी, फूलों के अनोखे डिज़ाइन्स, लाइट इफेक्ट्स और म्यूजिक के साथ एंट्री जैसे ट्रेंड प्रचलित हो गए हैं। दूल्हा-दुल्हन की इस रस्म को और भी मनोरंजक बनाने के लिए दोस्त और परिवार इसे हल्के-फुल्के खेलों और मस्ती के साथ मनाते हैं। भले ही इसके स्वरूप में बदलाव आया हो, लेकिन इसका मूल भाव—एक-दूसरे को प्रेम और सम्मान के साथ अपनाना—आज भी वही है।
