

मेहंदी का परिचय
मेहंदी भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे विशेष रूप से शादी, तीज, करवा चौथ और अन्य शुभ अवसरों पर लगाया जाता है। यह एक प्राकृतिक रंग होता है, जो हाथों और पैरों पर सुंदर डिजाइन बनाकर सजाने के लिए उपयोग किया जाता है। शादी में दुल्हन के लिए मेहंदी की रस्म विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसे शुभता, सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।


मेहंदी का महत्व
मेहंदी न केवल एक सजावटी कला है, बल्कि इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। मान्यता है कि गहरी रंगत वाला मेहंदी पति-पत्नी के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है। साथ ही, इसमें ठंडक पहुंचाने वाले गुण होते हैं, जो तनाव को कम करने और शादी की तैयारियों के दौरान दुल्हन को शांत और तनावमुक्त रखने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में भी मेहंदी को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है, जो त्वचा की देखभाल और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।

आधुनिक समय में मेहंदी
समय के साथ मेहंदी डिज़ाइन और इसे लगाने की विधि में बदलाव आया है। पारंपरिक भारतीय, अरेबिक और मोरक्कन डिज़ाइनों के साथ अब लोग मिनिमल और ट्रेंडी पैटर्न भी पसंद करने लगे हैं। आधुनिक दुल्हनें अपने मेहंदी डिज़ाइन में जीवन के महत्वपूर्ण प्रतीकों, नामों और थीम को शामिल करने लगी हैं। इसके अलावा, केमिकल-फ्री ऑर्गेनिक मेहंदी और टेम्पररी टैटू स्टाइल मेहंदी भी आजकल लोकप्रिय हो रही है। हालांकि इसके रूप में बदलाव आया है, लेकिन शुभ अवसरों पर मेहंदी लगाने की परंपरा आज भी कायम है।
