

मंगलसूत्र रस्म का परिचय
मंगलसूत्र रस्म हिंदू विवाह की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें दूल्हा अपनी दुल्हन के गले में मंगलसूत्र पहनाता है। यह रस्म पति-पत्नी के पवित्र बंधन, प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। विवाह के दौरान यह रस्म विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह न केवल शादी की स्वीकृति को दर्शाती है, बल्कि दंपति के जीवनभर के साथ और विश्वास की भी निशानी होती है।


मंगलसूत्र रस्म का महत्व
मंगलसूत्र केवल एक आभूषण नहीं है, बल्कि यह सौभाग्य, सुरक्षा और वैवाहिक जीवन की शुभता को दर्शाने वाला एक पवित्र प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। यह रस्म वैवाहिक संबंधों में विश्वास और परस्पर सम्मान को मजबूत करती है।


आधुनिक समय में मंगलसूत्र रस्म
आधुनिक समय में मंगलसूत्र के डिज़ाइन और पहनने के तरीके बदल गए हैं। जहां पहले पारंपरिक भारी सोने के मंगलसूत्र अधिक प्रचलित थे, वहीं अब महिलाएं हल्के, ट्रेंडी और कस्टमाइज़ डिज़ाइनों को प्राथमिकता देने लगी हैं। कुछ महिलाएं इसे कंगन या चेन के रूप में भी धारण करती हैं, जबकि कई इसे विशेष अवसरों पर ही पहनना पसंद करती हैं।

