श्री राम चालीसा। Shree Ram Chalisa Hindi
श्री राम चालीसा: भगवान राम की भक्ति का अद्भुत स्तोत्र
श्री राम चालीसा हिंदू धर्म में भगवान राम को समर्पित एक अत्यंत लोकप्रिय स्तोत्र है। यह चालीसा भक्तों को भगवान राम की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है।
श्री राम चालीसा का महत्व:
संकटमोचन: यह चालीसा भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है।
साहस और शक्ति: भगवान राम बल और साहस के प्रतीक हैं। इस चालीसा को पढ़ने से भक्तों में साहस और शक्ति बढ़ती है।
बुद्धि और विवेक: यह चालीसा बुद्धि और विवेक को बढ़ावा देता है।
भक्तों की रक्षा: भगवान राम अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
श्री राम चालीसा का पाठ कैसे करें:
शांति से बैठें: एक शांत जगह पर बैठकर भगवान राम की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
शुद्ध मन से: शुद्ध मन से श्री राम चालीसा का पाठ करें।
नियमित रूप से: अच्छे परिणामों के लिए नियमित रूप से श्री राम चालीसा का पाठ करें।
श्री राम चालीसा के कुछ चुनिंदा चौपाई:
जय जय राम जय जय राम जय जय राम जय जय राम।
सीता रमण भूपति राजा।
सागर पार कर के लंका धराई।
रावण को मारि रक्षत प्रजा॥
Shree Ram Chalisa - (श्री राम चालीसा)
॥ दोहा ॥
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं॥
बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं॥
॥ चौपाई ॥
श्री रघुवीर भक्त हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
निशिदिन ध्यान धरै जो कोई।
ता सम भक्त और नहिं होई॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं।
ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना।
जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना॥
तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला।
रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥
तुम अनाथ के नाथ गुंसाई।
दीनन के हो सदा सहाई॥
ब्रह्मादिक तव पारन पावैं।
सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी।
तुम भक्तन की लज्जा राखीं॥
गुण गावत शारद मन माहीं।
सुरपति ताको पार न पाहीं॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई।
ता सम धन्य और नहिं होई॥
राम नाम है अपरम्पारा।
चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो।
तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा।
महि को भार शीश पर धारा॥
फूल समान रहत सो भारा।
पावत न कोऊ तुम्हरो पारा॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो।
तासों कबहुं न रण में हारो॥
नाम शक्षुहन हृदय प्रकाशा।
सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी।
सदा करत सन्तन रखवारी॥
ताते रण जीते नहिं कोई।
युद्घ जुरे यमहूं किन होई॥
महालक्ष्मी धर अवतारा।
सब विधि करत पाप को छारा॥
सीता राम पुनीता गायो।
भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥
घट सों प्रकट भई सो आई।
जाको देखत चन्द्र लजाई॥
सो तुमरे नित पांव पलोटत।
नवो निद्घि चरणन में लोटत॥
सिद्घि अठारह मंगलकारी।
सो तुम पर जावै बलिहारी॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई।
सो सीतापति तुमहिं बनाई॥
इच्छा ते कोटिन संसारा।
रचत न लागत पल की बारा॥
जो तुम्हे चरणन चित लावै।
ताकी मुक्ति अवसि हो जावै॥
सुनहु राम तुम तात हमारे ।
तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे ॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे ।
तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥
जो कुछ हो सो तुमहीं राजा ।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥ 30 ॥
रामा आत्मा पोषण हारे ।
जय जय जय दशरथ के प्यारे ॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा।
नर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा॥
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी।
सत्य सनातन अन्तर्यामी॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै।
सो निश्चय चारों फल पावै॥
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं।
तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं॥
सुनहु राम तुम तात हमारे।
तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे।
तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥
जो कुछ हो सो तुम ही राजा।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥
राम आत्मा पोषण हारे।
जय जय दशरथ राज दुलारे॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा।
नमो नमो जय जगपति भूपा॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा।
नाम तुम्हार हरत संतापा॥
सत्य शुद्घ देवन मुख गाया।
बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन।
तुम ही हो हमरे तन मन धन॥
याको पाठ करे जो कोई।
ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥
आवागमन मिटै तिहि केरा।
सत्य वचन माने शिर मेरा॥
और आस मन में जो होई।
मनवांछित फल पावे सोई॥
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै।
तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥
साग पत्र सो भोग लगावै।
सो नर सकल सिद्घता पावै॥
अन्त समय रघुबरपुर जाई।
जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥
श्री हरिदास कहै अरु गावै।
सो बैकुण्ठ धाम को पावै॥
॥ दोहा॥
सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥
राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।
जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्घ हो जाय॥
Shree Ram Chalisa Lyrics in English/Hinglish
।। Doha ।।
Adau Ram Tapovnadi Gamanam Hatvah Mriga Kanchanam
Vaidehi Haranam Jatayu Maranam Sugriva Sambhashanam
Bali Nirdalam Samudra Taranam Lankapuri Dahanam
Paschdravanam Kumbhakarnam Hananam Etadhi Ramayanam
।। Chaupai ।।
Shri Raghubir Bhakt Hitkari
Suni Lijai Prabhu Araj Hamari
Nishi Din Dhyan Dharai Jo Koi
Ta Sam Bhakt Aur Nahin Hoi
Dhyan Dhare Shivaji Man Mahin
Brahma Indra Paar Nahin Pahin
Jai Jai Jai Raghunath Kripala
Sada Karo Santan Pratipala
Doot Tumhar Veer Hanumana
Jasu Prabhav Tihun Pur Jana
Tuv Bhujadand Prachand Kripala
Ravan Mari Suran Pratipala
Tum Anath Ke Nath Gosain
Deenan Ke Ho Sada Sahai
Brahmadik Tav Paar Na Pavain
Sada Ish Tumharo Yash Gavain
Chariu Ved Bharat Hain Sakhi
Tum Bhaktan Ki Lajja Rakhi
Gun Gavat Sharad Man Mahin
Surapati Tako Paar Na Pahin
Naam Tumhar Let Jo Koi
Ta Sam Dhany Aur Nahin Hoi
Ram Naam Hai Aparampara
Charihu Vedan Jahi Pukara
Ganapati Naam Tumharo Linhon
Tinako Pratham Poojy Tum Kinhon
Shesh Ratat Nit Naam Tumhara
Mahi Ko Bhar Shish Par Dhara
Phool Saman Rahat So Bhara
Pavat Kou Na Tumharo Para
Bharat Naam Tumharo Ur Dhaaro
Tason Kabahun Na Ran Mein Haro
Naam Shatruhan Hriday Prakasha
Sumirat Hot Shatru Kar Nasha
Lashan Tumhare Agyakari
Sada Karat Santan Rakhavari
Tate Ran Jite Nahin Koi
Yuddh Jure Yamahoon Kin Hoi
Maha Lakshmi Dhar Avatara
Sab Vidhi Karat Paap Ko Chhara
Sita Ram Punita Gayo
Bhuvaneshvari Prabhav Dikhayo
Ghat Son Prakat Bhi So Aai
Jako Dekhat Chandr Lajai
So Tumare Nit Panv Palotat
Navo Niddhi Charanan Mein Lotat
Siddhi Atharah Mangal Kari
So Tum Par Javai Balihari
Aurahu Jo Anek Prabhutai
So Sitapati Tumahin Banai
Ichchha Te Kotin Sansara
Rachat Na Lagat Pal Ki Bara
Jo Tumhare Charanan Chit Lavai
Tako Mukti Avasi Ho Javai
Sunahu Ram Tum Tat Hamare
Tumahin Bharat Kul – Poojy Prachare
Tumahin Dev Kul Dev Hamare
Tum Guru Dev Pran Ke Pyare
Jo Kuchh Ho So Tumahin Raja
Jai Jai Jai Prabhu Rakho Laja
Rama Atma Poshan Hare
Jai Jai Jai Dasharath Ke Pyare
Jai Jai Jai Prabhu Jyoti Svaroopa
Nigun Brahm Akhand Anoopa
Saty Saty Jai Saty – Brat Swami
Saty Sanatan Antaryami
Saty Bhajan Tumharo Jo Gavai
So Nishchay Charon Phal Pavai
Saty Shapath Gauripati Kinhin
Tumane Bhaktahin Sab Siddhi Dinhin
Gyan Hrday Do Gyan Svaroopa
Namo Namo Jai Japati Bhoopa
Dhany Dhany Tum Dhany Pratapa
Naam Tumhar Harat Santapa
Saty Shuddh Devan Mukh Gaya
Baji Dundubhi Shankh Bajaya
Saty Saty Tum Saty Sanatan
Tumahin Ho Hamare Tan Man Dhan
Yako Path Kare Jo Koi
Gyan Prakat Take Ur Hoi
Avagaman Mitai Tihi Kera
Saty Vachan Mane Shiv Mera
Aur Aas Man Mein Jo Lyavai
Tulsi Dal Aru Phool Chadhavai
Sag Patr So Bhog Lagavai
So Nar Sakal Siddhata Pavai
Ant Samay Raghubar Pur Jai
Jahan Janm Hari Bhakt Kahai
Shri Hari Das Kahai Aru Gavai
So Vaikunth Dham Ko Pavai
।। Doha ।।
Sat Divas Jo Nem Kar
Path Kare Chit Lay
Haridas Harikripa Se
Avasi Bhakti Ko Pay
Ram Chalisa Jo Padhe
Ramacharan Chit Lay
Jo Ichchha Man Mein Karai
Sakal Siddh Ho Jai.
Shiva Chalisa – शिव चालीसा
भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है शिव चालीसा का पाठ। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है बल्कि जीवन की सभी समस्याओं का समाधान भी प्रदान करता है।
Hanuman Chalisa – श्री हनुमान चालीसा
श्री हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को समर्पित एक अत्यंत लोकप्रिय स्तोत्र है। यह चालीसा भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। हनुमान जी को बजरंगबली, अंजनी पुत्र, पवनपुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है।